क्या है रजिस्ट्री के नए नियम बिहार में

जानिए रजिस्ट्री के नए नियम बिहार में

जानिए रजिस्ट्री के नए नियम बिहार में

क्या है रजिस्ट्री के नए नियम बिहार में : बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. अब उस संपत्ति को दोबारा निबंधित कराने का अधिकार केवल उसी व्यक्ति को मिलेगा, जिसके नाम पर राजस्व दस्तावेजों में जमाबंदी दर्ज होगी. जमाबंदी कायम होने का प्रमाण निबंधन कार्यालय में उपलब्ध कराने के बाद ही आवेदक को संबंधित property बेचने की अनुमति दी जायेगी. भूमि विवाद के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने गुरुवार से ही यह फैसला लागू कर दिया है. विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने डीएम और सभी सब रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकारी दी है. बिहार में दस्तावेज निबंधन की नई व्यवस्था लागू होते ही जमीन की खरीद-बिक्री अचानक से कम हो गई। उन्हीं दस्तावेज को स्वीकृत किया गया जिस जमीन की जमाबंदी विक्रेता के नाम से थी। इस आदेश के बाद से पिछले एक सप्ताह में औसतन भूमि बिक्री की संख्या में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आयी।

जमीन को मृत जमाबंदी धारक के नाम से बेचने पर संकट

नई व्यवस्था के बाद मृत लोगों के नाम जमाबंदी वाली जमीन की बिक्री के अलावा टोपोलैंड, बिना बंटवारे वाली आदि जमीन की बिक्री पर संकट होगा। राज्य में पीढ़ियों से बंटवारे के बाद भी जमीन की जमाबंदी एक ही नाम से चली आ रही है। जबकि इसके रैयत कई हैं। ऐसी स्थिति में इन जमीनो की खरीद बिक्री में विवाद होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसके अलावा सकरा, मुरौल आदि जैसे कई प्रखंडों में टोपोलैंड है। इसका सर्वे नहीं होने से जमाबंदी हुई ही नहीं। ऐसे में इन जमीन का निबंधन नहीं हो सकेगा। वहीं नई व्यवस्था से जमीन के दाखिल-खारिज में अधिक परेशानी नहीं होगी। दस्तावेज़ में यह उल्लेख करना आवश्यक है कि होल्डिंग शहरी क्षेत्र से संबंधित विक्रेता या दानकर्ता के नाम पर स्थापित है, या उन्हें इससे संबंधित साक्ष्य देना होगा। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और उसके उत्तराधिकारी का निर्धारण होने के बाद ही संबंधित व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी दस्तावेज के पंजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।

जानिए कब रिजेक्ट होंगे रजिस्ट्री दस्तावेज

निबंधन विभाग ने कहा कि यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित है, तो उस दस्तावेज में विक्रेता या दाता के नाम पर जमाबंदी कायम होने का कोई जिक्र नहीं है और जमाबंदी कायम होने के संबंध में कोई साक्ष्य भी नहीं दिया गया है. विक्रेता या दाता के नाम पर. दाता के नाम पर, तो उनके रजिस्ट्री दस्तावेज़ अस्वीकार कर दिए जाएंगे। हालाँकि, यह नियम फ्लैट अपार्टमेंट से संबंधित दस्तावेजों के हस्तांतरण पर लागू नहीं होता है।

हाईकोर्ट ने दो वादों पर रोक लगा दी थी
निबंधन विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना के खिलाफ सीडब्ल्यूजेसी के तहत पटना उच्च न्यायालय में दो वाद दायर किये गये थे. दोनों मुकदमों में पटना उच्च न्यायालय ने आदेश पारित कर अधिसूचना संख्या 3644 दिनांक 10 अक्टूबर 2019 पर रोक लगा दी थी. साथ ही पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को निर्देश भेजा था. निबंधन विभाग ने इससे संबंधित अन्य मामलों का समेकित आदेश 9 फरवरी 2024 को पारित कर सभी कार्यालयों को नया आदेश लागू करने का आदेश दिया है.

सभी जमाबंदियां इस साल आधार से जुड़ जाएगी

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को एक प्रश्न का जवाब में विधानसभा में कहा कि जमाबंदियों को आधार नंबर से जोड़ने का काम किया जा रहा है. इस साल के दिसंबर तक सभी जमाबंदियां आधार नंबर से जोड़ने का कार्य पूरा हो जाएगा. अभी के समय में जमाबंदियों की संख्या 4 करोड़ 8 लाख है. इनमें से अभी तक 84,36,431 जमाबंदियों को आधार नंबर से जोड़ दिया गया है।

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *