बिहार भू सर्वेक्षण का नया आदेश: जानिए नए नियम और जरूरी दस्तावेज
बिहार भू सर्वेक्षण का नया आदेश: जानिए नए नियम और जरूरी दस्तावेज
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण को लेकर नए और सख्त नियम लागू किए हैं।
भूमि सर्वेक्षण की पारदर्शिता बनाए रखने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए ये नए नियम लाए गए हैं।
अगर आपकी जमीन का सर्वेक्षण अभी तक नहीं हुआ है तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
आइए नए नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. भूमि सर्वेक्षण के नए नियम सख्त किए गए:
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण के नियमों को और सख्त कर दिया है।
अब सर्वेक्षण के लिए ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत होगी।
नए नियमों का पालन नहीं करने पर सर्वेक्षण रद्द भी किया जा सकता है।
2. वंशावली (Genealogy) जमा करने के नियमों में बदलाव :
पहले लोग स्वयं तैयार की गई वंशावली जमा कर सकते थे।
बाद में इसे मुखिया या सरपंच से सत्यापित करवाने का नियम बना।
अब वंशावली को कोर्ट से प्रमाणित कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
3. सर्वे में धोखाधड़ी रोकने के लिए नए प्रावधान :
कई मामलों में लोगों ने झूठी वंशावली बनाकर अपने नाम से जमीन रजिस्टर करा ली।
कई मामलों में घर से बाहर रहने वाले परिवार के सदस्यों के नाम हटाए गए।
4. अब जरूरी कागजातों की संख्या बढ़ी :
अब सर्वे के लिए मूल दस्तावेज की फोटोकॉपी जमा करना अनिवार्य होगा।
इनमें सेल डीड (बिक्री विलेख), रजिस्ट्री पेपर, खतियान आदि शामिल होंगे।
केवल एक रसीद से सर्वे नहीं होगा, सभी दस्तावेजों की पुष्टि करनी होगी।
5. हस्तलिखित वंशावली अब मान्य नहीं :
पहले लोग खुद से लिखी हुई वंशावली जमा कर सकते थे।
नए नियम के तहत अब हस्तलिखित वंशावली को मान्यता नहीं मिलेगी।
वंशावली को प्रमाणिकता के लिए अब आधिकारिक रूप से सत्यापित कराना होगा।
6. कोर्ट से स्वीकृत वंशावली अनिवार्य :
अब वंशावली को केवल मुखिया या सरपंच से प्रमाणित करवाना पर्याप्त नहीं होगा।
कोर्ट से स्वीकृत और प्रमाणित वंशावली ही सर्वे के लिए मान्य होगी।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी परिवार के सदस्य को भूमि स्वामित्व से बाहर नहीं किया गया है।
7. भूमि की सीमा और माप की होगी सख्त जांच :
सर्वेयर जमीन की सीमा और दस्तावेजों की सटीकता की गहन जांच करेगा।
अगर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई गई, तो सर्वे रद्द किया जा सकता है।
8. मूल दस्तावेजों की जांच सर्वे के दौरान होगी :
सर्वे टीम घर-घर जाकर भूमि दस्तावेजों की जांच करेगी।
अगर कोई आवश्यक दस्तावेज गायब पाया गया, तो सर्वे रुक सकता है।
निष्कर्ष :
बिहार सरकार ने जमीन सर्वेक्षण को अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं।
अब सभी भूमि स्वामियों को अपने दस्तावेजों को सही और पूरी तरह से प्रमाणित रखना अनिवार्य होगा।
अगर आप भी जमीन सर्वे के लिए योग्य हैं, तो अपने सभी जरूरी कागजात तैयार रखें ताकि सर्वे प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।